नमस्कार दोस्तों
आशा करते हैं आप सभी लोग स्वस्थ हैं सुरक्षित हैं.
वर्तमान में जो भी खबरें आप पढ़ रहे हैं उनमें से एक शायद से सबसे अधिक आपको देखने या सुनने को मिल रही होगी और वह है रशिया और यूक्रेन का युद्ध.
अभी तक आपने बहुत सारी खबरें पढ़ ली होंगी कि कैसे रशिया यूक्रेन पर बहुत से हमले कर चुका है और यूक्रेन को लगभग पूरी तरह तबाह कर चुका है.
लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि इस युद्ध से सिर्फ यूक्रेन को ही बहुत नुकसान हुआ है तो शायद आप गलत है.
आज का यह आर्टिकल हम विशेष रूप से लाए है जिससे आप तक यह पहुंचा सके कि जब भी कोई देश युद्ध में उतरता है तो उस देश के लिए युद्ध में जाना कितना महंगा हो सकता है.
और शायद आपको यह जानकर आश्चर्य भी हो कि यूक्रेन में जो तबाही देखी गई है वह तबाही तो रशिया में हो रही तबाही के आगे कुछ नहीं है |
किसी भी देश के लिए या किसी भी देश के लोगों के लिए सबसे बड़ी चीज होती है उस देश की इकोनॉमी जिससे वह देश चलता है जिससे वहां के लोग अपना जीवन आसानी से वहन करते हैं.
तो आइए आज के आर्टिकल में आपको बताते हैं कि इस युद्ध से रशिया और रशिया की इकोनॉमी पर कितना अधिक प्रभाव पड़ रहा है और वहां के लोगों के रहन-सहन के स्तर पर इसका क्या प्रभाव है.
इस वक्त रशिया की आम जनता का हाल बहुत ही बुरा है. रशिया की करंसी रूबल पिछले कुछ दिनों में इतनी तीव्र गति से नीचे गिरी है कि रशिया में एटीएम के बाहर लंबी कतारें देखी जा रही हैं. रशियन बैंकों के पास जनता को देने के लिए कैश भी नहीं बचा है.
रशिया के लोग अब अधिक से अधिक फोन और इलेक्ट्रॉनिक के आइटम खरीद रहे हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनकी करेंसी की वैल्यू भले ही गिर जाए लेकिन इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स कि यह वैल्यू नहीं गिरेगी. इसलिए रशिया के इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के स्टोर पूरी तरह भर गए हैं |
रशिया के आम लोगों का पैसा इतनी तेजी से अपनी वैल्यू खो रहा है जिसकी कोई सीमा नहीं है. बहुत से लोग अपनी तनख्वाह नहीं ले पा रहे हैं जिनका कारोबार किसी अन्य देश पर आधारित था.
रशिया में महंगाई इतनी तेजी से बढ़ रही है कि बहुत से आर्थिक सलाहकार यह चेतावनी दे रहे हैं कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो रशिया की हालत वेनेजुएला जैसी ही हो सकती है.
आखिर ऐसा क्या है जिसकी वजह से रशिया में आंतरिक यह हालत हो रही है?
हमारे देश में भी अक्सर कई लोग हमेशा युद्ध के पक्ष में रहते हैं परंतु आज आपको यह आर्टिकल पढ़कर यह जरूर समझ आ जाएगा कि किसी भी देश के लिए युद्ध में जाने की कीमत (Cost of War) क्या होती है और उसका देश की आम जनता पर कितना प्रभाव पड़ता है.
रशिया की करेंसी रूबल में 30% से भी अधिक की गिरावट हो चुकी है. जिस वक्त हम यह आर्टिकल लिख रहे हैं उस वक्त रूबल का भाव 1Ruble = .0075$ व 1 Russian Ruble = .57 Indian Rupee ₹ चल रहा है. जो कि पूर्व की तुलना में आधा रह चुका है.
हाल ही में सेंटर फॉर इकोनामिक रिकवरी के द्वारा एक रिसर्च में यह पता लगा है कि युद्ध के शुरुआती 4 दिनों में रशिया को प्रतिदिन 7 बिलीयन डॉलर का खर्चा उठाना पड़ा है यानी लगभग 50000 करोड रुपए से भी ज्यादा. और अब जैसे-जैसे यह युद्ध आगे बढ़ता जा रहा है इस रिसर्च के मुताबिक अब रशिया को प्रतिदिन इस युद्ध की कीमत 20 बिलियन डॉलर क्रॉस कर सकती है जो कि शायद एक बहुत बड़ा अमाउंट है.
यहां आप देख सकते हैं कि हर एक दिन रशिया को कितना पैसा खर्च करना पड़ रहा है इस युद्ध को चलाए रखने के लिए और यह तो सिर्फ वह खर्चा है जो रशिया की सरकार खर्च कर रही है और एक रशियन टैक्सपेयर के खर्चे का इस्तेमाल कर रही है इस युद्ध के लिए.
आइए अब आपको बताते हैं कि अन्य देश और बहुत सी बड़ी-बड़ी कंपनियों ने कितनी पाबंदियां लगा दी है रशिया पर –
33 देशों ने हाल ही में अपनी एयर स्पेस को रशियन एयरलाइंस के लिए बंद कर दिया है, यानी उन देशों से होकर कोई भी रशिया के विमान अब नहीं उड़ सकते जिसमें की अमेरिका कनाडा और बहुत सारे यूरोप के देश शामिल है. 1 लाख 50 हजार से अधिक रशिया के नागरिक अपने देश से बाहर घूमने के लिए अन्य देशों में गए हुए थे जो कि अब वापस अपने देश में नहीं आ पा रहे हैं.
इसके साथ ही Airbus और Boeing यह तो सबसे बड़ी कंपनियां जो कि एयरक्राफ्ट बनाती है उन्होंने रशिया को अब विमान के पुर्जे देने के लिए मना कर दिया है और यह अपने सारे ऑपरेशन रशिया में अब बंद करने जा रही हैं इससे ऐसा लगता है कि आने वाले समय में बहुत मुश्किल हो जाएगा किसी के लिए भी दुनिया में रशिया में फ्लाई करना रसिया से बाहर फ्लाई करना.
बड़ी-बड़ी कपड़ों की कंपनियां अथवा बड़ी-बड़ी जूतों की कंपनियां जैसे H&M, PUMA इन्होंने अपने ऑपरेशन रशिया में अब बंद कर दिए हैं.
साथ ही प्रमुख कार कंपनियां जैसे BMW,JAGUAR, TOYOTA, MARCEDES और HONDA जैसी बड़ी कार कंपनियों ने रशिया में अपनी कार एक्सपोर्ट करने पर पाबंदियां लगा दी है. साथ ही उन्होंने अपने सभी ऑपरेशन और गाड़ियों का उत्पादन भी रशिया में बंद कर दिया है.
IKEA जो कि स्वीडन की एक बहुत बड़ी फर्नीचर कंपनी है इन्होंने भी अपने सारे स्टोर रसिया में बंद कर दिए हैं.
Airbnb जो कि ट्रैवलर्स के लिए एक बहुत ही उपयोगी प्लेटफार्म है इन्होंने भी अपने सारे ऑपरेशन रसिया में बंद कर दिए हैं.
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Netflix ने अब रशिया में नए अकाउंट खोलने पर पाबंदी लगा दी है.
बड़ी मशहूर टेक्नोलॉजी कंपनी जैसे एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट ने रशिया में अपने उत्पादों को बेचना बंद कर दिया है. साउथ कोरियन कंपनी सैमसंग ने भी कहा है कि वह अब रशिया में अपने उत्पादों को नहीं बेचेगी.
ऊपर आपने देखा होगा कि जिन कंपनियों ने रसिया पर पाबंदियां लगाई है यह सब वह बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं जिनके उत्पाद शायद हम और आप अपने रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग करते हैं.
और इन सभी बड़ी कंपनियों का किसी भी देश की इकोनॉमी में और वहां के देश के एंप्लॉयमेंट में बहुत अधिक योगदान होता है.
अगर बात अब तेल की की जाए तो तेल की बड़ी कंपनियां जैसे bp, ExxonMobile आदि ने भी रशिया पर काफी कयास लगाए हैं. Bp ने कहा है कि वह अपने लगभग 20% स्टेक एक रशिया की तेल कंपनी से बेच देगा.
यानी बाहर की कंपनियों का रसिया की कंपनियों में जो इन्वेस्टमेंट है अब उस पर भी अधिक असर पड़ने लग रहा है.
बहुत ही बड़ी कंपनियां जो रसिया में अपना पैसा लगाना चाह रही थी या इस तरह के प्लान बना रही थी उन्होंने अब अपने प्लांस बदल लिए हैं.
अब अगर पांच अन्य चीजों की की जाए तो फुटबॉल की 2 सबसे बड़ी सब्सिडियरी FIFA और UEFA ने रशियन फुटबॉल टीम को सभी टूर्नामेंट से सस्पेंड कर दिया है.
हाल ही में फार्मूला वन रेसिंग जिसका की ग्रैंड प्रिक्स रशिया में होना था उसने भी यह कैंसिल कर दिया है.
VISA और MasterCard सबसे बड़े पेमेंट प्रोसेसिंग नेटवर्क जिनके द्वारा मिलियन ऑफ क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल किए जाते हैं और रशिया के पेमेंट्स में इनकी 70% भागीदारी है उन्होंने हाल ही में रशिया के बैंकों को ब्लॉक कर दिया है
इंटरनेशनल पेमेंट ट्रांसफर कंपनी जैसे Remitly और Wise इन दोनों ने भी अपने ऑपरेशन को रशिया में सस्पेंड कर दिया है.
Apple Pay, GPay, Samsung Pay ने भी अधिकांश रशियन बैंक्स के ऊपर पाबंदियां लगा दी है.
रशिया के लोगों के लिए अब पेमेंट करना भी बहुत मुश्किल का कार्य हो गया है इसलिए वहां के लोग कैश निकालने के लिए एटीएम के पास लंबी-लंबी कतारों में खड़े हुए हैं.
जैसा कि हम जानते हैं कि जब एक साथ बहुत सारे लोग कैश निकालने की कोशिश करते हैं तो किसी भी बैंक के पास इतना अधिक कैश एक वक्त पर नहीं होता है और इस स्थिति को BANK RUN कहते हैं.
किसी भी देश की ऐसी आंतरिक स्थिति अगर होगी तो आप समझ सकते हैं कि वहां का स्टॉक मार्केट कितना बुरी तरह गिरेगा. इसे समझते हुए रशियन सरकार ने अपने स्टॉक मार्केट को लगभग 1 हफ्ते से बंद किया हुआ है. जिस दिन से रशिया ने यूक्रेन पर प्रथम दिन हमला किया था उसी दिन से रशिया का स्टॉक मार्केट अभी तक बंद है इसी डर के मारे कि अगर उन्होंने इस को खोला तो उनका स्टॉक मार्केट बहुत बुरी तरह गिर जाएगा.
अभी आपने देखा कि बहुत बड़ी मल्टीनेशनल कंपनीज ने भी रसिया के ऊपर काफी कड़े प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन यह तो फिर भी कंपनी है बहुत ही सरकारों ने या यूं कहें कि अधिकतर देशों की सरकारों ने रसिया पर काफी कड़े sanctiones लगाए हैं. जब कोई भी देश किसी अन्य देश पर किसी तरह की पेनल्टी या कोई दंड स्वरूप लगाता है क्योंकि उस देश ने कोई अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है तो उस स्थिति में लगाए गए प्रतिबंधों को Sanctions कहा जाता है.
रशिया के खिलाफ बहुत सारे देशों ने इकोनामिक सैंक्शंस लगाए हैं. रशिया की इकोनामी को टारगेट करने का प्रयास किया गया है. ताकि वहां के लोगों का जीवन अव्यवस्थित किया जा सके जिससे वहां की सरकार पर दबाव पड़े.
सबसे बड़ी sanction जो हाल ही में रशिया पर लगाई गई है वह यह है कि रशिया को हाल ही में SWIFT ( Society for worldwide interbank financial telecommunication ) सिस्टम से ब्लॉक कर दिया गया है| यह पेमेंट का एक ऐसा सिस्टम है जो कि अंतरराष्ट्रीय तौर पर इस्तेमाल किया जाता है एक देश से दूसरे देश में पैसा भेजने के लिए इसे 11 हजार से ज्यादा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस उपयोग करते 200 से अधिक देशों में यह मान्य है. लगभग हर बड़े देश का केंद्रीय बैंक इस सिस्टम का ही उपयोग करता है.
आपको बता दें कि SWIFT सिस्टम अपने आप में पैसे को move नहीं करता है बल्कि यह सिर्फ कम्युनिकेशन का माध्यम बनता है दो अंतरराष्ट्रीय बैंकों के मध्य. यह एक बैंक को इंस्ट्रक्शंस बताता है कि किसी अन्य बैंक में मुझे इतना पैसा ट्रांसफर करना है और इस जगह करना है. तो यह तो बैंकों के मध्य एक कम्युनिकेशन चैनल की तरह कार्य करता है.
अगर आपने कभी इंटरनेशनल पैसा ट्रांसफर किया होगा तो आपको पता होगा कि हर बैंक का एक SWIFT कोड होता है.
SWIFT CODE कुछ इस तरह का होता है
AAAA BB CC 000
जिसमें की AAAA = BANK NAME
BB= COUNTRY CODE
CC= LOCATION CODE
000= BRANCH CODE
यदि आप इंडिया से अपने किसी अमेरिकन दोस्त के पास पैसा भेजना चाहते हैं तो आपको उस अमेरिकन बैंक का स्विफ्ट कोड वहां उपयोग करना होगा जो कि यह कम्युनिकेट करेगा उन दोनों बैंकों के मध्य की पैसा किस से किस के पास भेजा जा रहा है.
इस सिस्टम से ब्लॉक होने का अर्थ यह हुआ कि अब रशियन बैंक ना तो कहीं पैसे भेज सकते हैं और ना कहीं से पैसे ले सकते हैं. हालांकि रसिया ऐसा पहला देश नहीं है जिसे इस सिस्टम से ब्लॉक किया गया है इससे पहले ईरान को भी इस सिस्टम से ब्लॉक कर दिया गया था और नतीजतन ईरान ने अपनी एक तिहाई फॉरेन ट्रेड खो दी थी.
हालांकि रशिया जल्द ही अपना कोई नया सिस्टम उपयोग कर लेगा और इस समस्या का समाधान कर लेगा.
अगर अन्य sanction की बात की जाए तो रशिया के केंद्रीय बैंक के सभी ऐसैट्स को अन्य देशों ने फ्रीज कर दिया है. जैसा कि आप जानते होंगे कि हर देश के रिजर्व बैंक के पास कुछ फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स होते हैं जिन्हें फॉरेक्स रिजर्व भी कहा जाता है यानी बैंकों के पास कुछ पैसा फॉरेन करंसी के रूप में भी होता है जो कि प्रत्येक देश किसी अन्य बाहर के देशों को पेमेंट करने के लिए रखता ही है.
ऐसे ही रशिया का सेंट्रल बैंक अपने पास यूएस डॉलर के रिजर्व रखता है और अब अमेरिका और बाकी देशों ने इन्हीं रिजर्व को फ्रीज कर दिया है जिसकी कीमत 630 बिलीयन डॉलर्स बताई जा रही है.
साथ ही अनेक तरह की पाबंदियां रशिया के रसूखदार लोगो अथवा यू कहे Russian Oligarchs पर भी लगाई गई है.
ऐसा माना जाता रहा है कि रशिया के इन रसूखदार लोगों का ही पुतिन के ऊपर पूरा हाथ है.
रसिया के इन्हीं लोगों की जो संपत्तियां बाहर के देशों में है जैसे इनकी बाहर के देशों में प्रॉपर्टी अथवा इनके स्वयं के प्लेन इनके बड़े बड़े जहाज इनको हाल ही में अमेरिका व अन्य देशों ने जब्त कर लिया है.
हाल ही में IGOR SECHIN नाम के एक रशियन रसूखदार की एक बहुत बड़ी yacht अथवा यू कहे बड़ी नौका को फ्रांस की सरकार ने जब्त कर लिया है.
इसी के डर के कारण हाल ही में रसिया के बड़े लोग अपनी yachts को अब ऐसे देशों में लेकर जा रहे हैं जहां वेस्टर्न सरकार ना पहुंच सके जैसे कि मिडिल ईस्ट और मालदीव्स.
साथ ही इन रशियन रसूखदार लोगों पर फ्लाइट बैन लगाया जा रहा है.
इन सब को करने के पीछे पुतिन पर युद्ध बंद करने का दबाव डालने की मंशा साफ है.
अब आपको यह भी बता दें कि एक चीज जिस पर शायद यूरोप के अधिकांश देश रशिया पर निर्भर करते हैं वह है तेल और गैस.
यूरोप के देश अपनी तेल और गैस की जरूरतों के लिए 40% से अधिक रशिया पर निर्भर है.
इसके बावजूद भी जर्मनी ने हाल ही में Nord Stream 2 पाइपलाइन के अप्रूवल को सस्पेंड कर दिया है.
यह सभी देश अपनी निर्भरता को अब रशिया पर कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.अमेरिका ने यह भी कहा है कि उनके पास जो तेल और गैस के रिजर्व हैं अब अमेरिका यूरोप को उसकी सप्लाई देगा.
रशिया पर इतनी अधिक पाबंदियां लगाई जा रही है की रूस में महंगाई अब बहुत तीव्र गति से बढ़ रही है और आम लोगों का वहां जीवन जीना बहुत मुश्किल होता जा रहा है.
वहां के लोग एक बेसिक पेमेंट सिस्टम यूज नहीं कर पा रहे हैं बैंकों से कैश प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं और रशिया की आम जनता पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है .
इसलिए जैसा कि पहले भी हमने आपको बताया कि अब वहां के लोग इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स खरीद रहे हैं. क्योंकि वहां की करेंसी की वैल्यू फिर भी बहुत तेजी से नीचे गिर रही है लेकिन अगर वह इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीद लेंगे तो उन्हें यह लग रहा है कि किसी अन्य देश में जाकर अगर उसे बेचा जाएगा तो कम से कम उसकी वैल्यू तो कम नहीं होगी.
ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में रशिया के एक आम नागरिक का स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग काफी नीचे चला जाएगा. बहुत से लोग गरीबी की रेखा में ढकेले जाएंगे और देश बेरोजगारी की चपेट में आ जाएगा.
यह उन सभी लोगों को सोचना चाहिए जिन्हें ऐसा लगता है कि युद्ध पर जाना किसी भी देश के लिए बहुत अच्छी बात है यह आप देख सकते हैं कि रशिया और वहां के आम लोगों के लिए युद्ध पर जाना अब कितना डरावना साबित हो रहा है.
हमारे देश में भी बहुत से लोग समय समय पर युद्ध की बातें करते हैं. परंतु युद्ध की जो कीमत होती है उसे सरकार नहीं बल्कि उस देश का एक आम नागरिक की चुकाता है.
रसिया को इस युद्ध से हाल ही में जितना नुकसान हो रहा है वह अपनी जगह है और एक long-term में उसे जितना अधिक नुकसान होगा वह शायद अभी अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है.
जैसे-जैसे यह युद्ध और दिनों तक चलता जा रहा है वैसे वैसे रशिया पर और अधिक पाबंदियां और कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.
देखते हैं कि यह युद्ध कब खत्म होता है और russia को इससे कितना नुकसान होता है और यूक्रेन को इसका क्या खामियाजा भुगतना पड़ता है.
हम यहां यह बिल्कुल भी नहीं कह रहे हैं कि यूक्रेन को इससे नुकसान नहीं है शायद पूरा यूक्रेन इससे तबाह हो गया है लेकिन अगर आप एस्टीमेट पर जाएं तो पूरा यूक्रेन खड़ा करने में भी उतना पैसा नहीं लगेगा जितना शायद रशिया का हर दिन का खर्च है |
आगे बात करेंगे और इसी तरह के मुद्दों पर. इनसाइड प्रेस इंडिया के साथ जुड़े रहिए और कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताइए कि आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा. अगर आपका कोई सुझाव है तो कृपया वह भी हमें प्रदान कीजिए. ऊपर 👍 बटन को दबाकर हमारे आर्टिकल को लाइक कीजिए.
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( Inside press India )
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